एक शाम

एक शाम

काश एक शाम ऐसी भी आए एक दिन
मेरे पहलू में तुम और मैं तुम में गुम
चाहूं वो लम्हा वो घड़ी बस ठहर जाए
काश वो शाम जिंदगी की शाम बन जाए।

बहुत देखे हैं ख्वाब मेरी आंखों ने
काश एक दिन ख्वाब ज़मीं पर उतर आए
तुम आओ और चांद आए वो रात फिर न जाए।।

आभार – नवीन पहल – २४.०५.२०२२ ❤️

# प्रतियोगिता हेतु


   23
9 Comments

Shnaya

28-May-2022 01:05 PM

बेहतरीन

Reply

Swati chourasia

25-May-2022 01:41 AM

बहुत खूब 👌

Reply

Punam verma

24-May-2022 09:49 PM

Nice

Reply